Sunday, March 16, 2025
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केरल में प्रोफेसर का हाथ काटने का मुख्य आरोपी गिरफ्तार:13 साल से फरार था, NIA ने गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा था

केरल के एक प्रोफेसर का हाथ काटने के मुख्य आरोपी सवाद को NIA की टीम ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। वह 13 साल से भी ज्यादा समय से फरार चल रहा था। आरोपी पर NIA ने 10 लाख रुपए का इनाम रखा था। उसे उत्तरी केरल के कन्नूर जिले के मट्टनूर से पकड़ लिया गया।

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आरोपी की गिरफ्तारी पर पीड़ित प्रोफेसर जोसेफ ने कहा- सवाद की गिरफ्तारी से मुझे कोई मतलब नहीं है। मेरा मानना है कि हमले के पीछे के मास्टरमाइंड अभी भी छिपे हुए हैं। जांच एजेंसी अभी भी उन तक नहीं पहुंच पाई है। उन्होंने कहा कि वे अभी भी अपने हमलावरों को पहचान सकते हैं।

दरअसल, 4 जुलाई 2010 को एर्नाकुलम जिले के मुवत्तुपुझा में प्रोफेसर जोसेफ अपने परिवार के साथ चर्च से घर लौट रहे थे। रास्ते में PFI के 7 मेंबर्स ने उनकी गाड़ी रोकी और प्रोफेसर को गाड़ी से बाहर खींच लिया। सातों ने उनके साथ मारपीट की और फिर मुख्य आरोपी सवाद ने उनके दाहिने हाथ का पंजा काट दिया। ​​​

पीड़ित प्रोफेसर टीजे जोसेफ। डॉक्टरों ने सर्जरी करके उनका हाथ जोड़ दिया था। -फाइल फोटो
पीड़ित प्रोफेसर टीजे जोसेफ। डॉक्टरों ने सर्जरी करके उनका हाथ जोड़ दिया था। -फाइल फोटो

हमले के पीछे की वजह
प्रोफेसर जोसेफ इडुक्की जिले के थोडुपुझा स्थित न्यूमैन कॉलेज में पोस्टेड थे। उन्होंने बीकॉम सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र बनाया था। आरोपियों का मानना था कि प्रश्न पत्र में कथित तौर पर एक धर्म विशेष के खिलाफ टिप्पणियां थीं। इसी वजह से हमलावर जोसेफ को मारना चाहते थे।

हमले के दो महीने बाद जोसेफ की नौकरी चली गई। उनकी पत्नी ने 2014 में सुसाइड कर लिया था। पत्नी की मौत के कुछ दिन बाद ही जोसेफ को कॉलेज ने फिर नौकरी पर रख लिया। चंद दिनों बाद ही 31 मार्च 2014 को वे रिटायर हो गए।

13 को दोषी ठहराया गया
शुरुआत में केरल पुलिस ने 54 लोगों को आरोपी बनाया था, लेकिन अप्रैल 2011 में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने जांच शुरू की। उसने चार्जशीट में 37 लोगों को आरोपी बनाया था। इनमें से 31 पर मुकदमा चला।पहले चरण में 2015 में NIA कोर्ट ने इसी मामले में 13 लोगों को दोषी ठ हराया था। शेष 18 को बरी कर दिया गया था।

3 दोषियों को उम्रकैद की सजा हुई
13 जुलाई 2023 को केरल की NIA कोर्ट ने मामले में 3 दोषियों साजिल, नसर और नजीब को उम्रकैद की सजा सुनाई। शेष तीन दोषियों- नौशाद, पी पी मोइदीन कुन्हू और अयूब को तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इन्होंने दोषियों को शरण दी थी। दोषियों पर कुल 4 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था। कोर्ट ने यह पैसा पीड़ित को देने को कहा था।

साजिल को आतंकवादी वारदात करने और इसकी साजिश रचने, हत्या की कोशिश और विस्फोटकों के इस्तेमाल के अपराध के लिए 10-10 साल की सजा भी सुनाई गई थी। नसर और नजीब को भी हत्या की कोशिश और विस्फोटकों के इस्तेमाल के अपराध के लिए 10-10 साल की सजा सुनाई गई थी।

फैसले के बाद जोसेफ ने कहा था कि उनका मानना ​​है कि 13 साल पहले जो हुआ उससे उनका जीवन नष्ट नहीं हुआ। हां जीवन में कुछ बदलाव हुए और उन्हें नुकसान हुआ। उन्होंने अपने हमलावरों के प्रति भी सहानुभूति व्यक्त की






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