जयपुर में चल रही 58वीं डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में आज पीएम नरेंद्र मोदी ने हिस्सा लिया। कॉन्फ्रेंस में खालिस्तान आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, कानून में बदलाव की जरूरत और ह्यूमन ट्रैफिकिंग पर चर्चा की गई। मोदी ने यहां हर राज्य के डीजीपी से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
तीन दिन की इस सेमीनार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत डोभाल भी मौजूद हैं। जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में हो रही इस कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन पहुंचे पीएम मोदी का शाह और डोभाल ने स्वागत किया।
वहीं, प्रधानमंत्री को काले झंडे दिखाने की धमकी को लेकर पुलिस ने एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी को नजरबंद कर दिया। विंग के दूसरे कार्यकर्ताओं की भी धरपकड़ की गई।

डीजी-आईजी कॉन्फ्रेंस में आज चार विषयों पर हुई चर्चा
- खालिस्तान आतंकवाद को खत्म करने के लिए सभी राज्यों के डीजी से सुझाव मांगे गए। एनएसए अजीत डोभाल ने इस विषय को लेकर करीब 20 मिनट तक अपना इनपुट कॉन्फ्रेंस में सभी के साथ साझा किया।
- साइबर सुरक्षा पर करीब 3 घंटे चर्चा हुई। इस दौरान देश के कई बड़े साइबर एक्सपर्ट और साइबर टीमें इसका हिस्सा बनीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साइबर सुरक्षा पर किए जा रहे कामों को लेकर जानकारी दी गई।
- कानूनों को बदलने, सजा और जुर्माना बढ़ाने पर चर्चा की गई। इस विषय को करीब 4 घंटे का समय दिया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित कई राज्यों के डीजी ने अपनी बात रखीं।
- अंतिम विषय ह्यूमन ट्रैफिकिंग रखा गया। इसे 2 घंटे का समय दिया गया। ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बारे में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक प्रेजेंटेशन दी। इसके बाद इसके मूल कारणों और इसे कैसे रोका जा सकता है, इस पर चर्चा की गई।
