महाराष्ट्र में शिवसेना की टूट के 18 महीने और 18 दिन बाद विधायकों की योग्यता से जुड़े विवाद पर विधानसभा स्पीकर ने फैसला दे दिया है। स्पीकर ने 10 जनवरी को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत उनके गुट के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की उद्धव गुट की अपील खारिज कर दी। यानी अब इन सबकी सदस्यता बरकरार रहेगी। इसके साथ ही स्पीकर ने कहा कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है।
विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर ने बुधवार शाम 5.11 से 6.57 तक कुल 106 मिनट (1 घंटा 46 मिनट) में 1200 पेज के फैसले से चुनिंदा अंश पढ़े। सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2023 को इस मामले में आखिरी सुनवाई की थी। तब स्पीकर के लिए फैसला लेने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर से बढ़ाकर 10 जनवरी कर दी थी। यानी सुप्रीम कोर्ट में आखिरी सुनवाई के 28वें दिन स्पीकर ने अपना फैसला सुनाया।
इस फैसले को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना कभी भी शिंदे की हो नहीं सकती। उनका और शिवसेना का रिश्ता खत्म हुआ है, इसलिए शिवसेना हमारी है। खुद दो-तीन पार्टियां बदलने वाले नार्वेकर ने बताया कि पार्टी कैसे बदलनी है। जो नतीजा नार्वेकर दे दिया है, उससे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना हुई है। नतीजा मैच फिक्सिंग ही निकला, इसलिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।