वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। इस याचिका में आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के डायरेक्टर जनरल से अपील की गई है कि वे परिसर में मिले शिवलिंग का सर्वे करें, ताकि उसकी वास्तविकता का पता लगाया जा सके।
याचिका में कहा गया है कि सर्वे करने के लिए शिवलिंग के आसपास की आर्टिफिशियल या मॉडर्न दीवार और फ्लोर को हटाया जाए। बिना शिवलिंग को नुकसान पहुंचाए सील किए गए पूरे इलाके का वैज्ञानिक सर्वे किया जाए। इससे पहले, 19 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी के सर्वे पर रोक लगा दी थी।
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने याचिका में ज्ञानवापी परिसर में सीलबंद वजूखाना (स्नान जल टैंक) का सर्वे कराने की मांग करने की बात कही थी। उन्होंने दावा किया है कि 10 सीलबंद तहखानों में हिंदू मंदिर के सबूत और कलाकृतियां
25 जनवरी को ASI सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई
ज्ञानवापी की ASI सर्वे की रिपोर्ट 25 जनवरी को देर रात सार्वजनिक हुई थी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, परिसर के अंदर भगवान विष्णु, गणेश और शिवलिंग की मूर्ति मिली हैं। पूरे परिसर को मंदिर के स्ट्रक्चर पर खड़ा बताते हुए 34 साक्ष्य का जिक्र किया गया है। मस्जिद परिसर के अंदर ‘महामुक्ति मंडप’ नाम का एक शिलापट भी मिला है।
ASI ने रिपोर्ट में लिखा कि ज्ञानवापी में एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। 17वीं शताब्दी में जब औरंगजेब का शासन था। उस वक्त ज्ञानवापी स्ट्रक्चर को तोड़ा गया। कुछ हिस्सों को मॉडिफाई किया गया। मूलरूप को प्लास्टर और चूने से छिपाया गया। 839 पेज की रिपोर्ट में ASI ने परिसर के प्रमुख स्थानों का जिक्र किया।
ASI की रिपोर्ट में जिन प्रमुख संरचनाओं का जिक्र है, उन्हें नीचे 5 तस्वीरों में देखिए…
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